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शनिवार, 14 जून 2025

क्षणभंगुर जीवन


 


कौन, कहाँ, कब, किस वक्त आपका साथ छोड़ दे , यह कोई नहीं जानता। यह  क्रूर सच्चाई  हम अक्सर नजरअंदाज़ कर देते है। अहमदाबाद ,गुजरात विमान हादसा  की बात करें तो उसके यात्रियों या परिवार वालों में से किसने सोचा था होगा कि बोर्डिंग से पहले का समय अंतिम विदाई साबित होगा। उस फ्लाइट के यात्री कभी अपने परिवार यार दोस्तों को अपने गंतव्य तक सुरक्षित  पहुंचने की खबर ना दे सकेंगे .....! किसने सोचा होगा कि उस फ्लाइट के यात्री जिन सपनों के साथ उड़ान भर रहे वो बस दिवा स्वप्न बन वहीं दम तोड़ जाने वाले.....?  यह दुर्घटना इस  बात को मजबूती से साबित करती है कि जीवन में अगर कुछ साथ चल रहा है तो वह है ........अनिश्चितता और अनापेक्षितता। 


हम सोचते हैं कि कल समय मिलेगा ,अपनों से मिलने का, क्षमा माँगने का, प्रेम जताने का।अपने कामों, संबंधों  और भविष्य की योजनाओं में हम इतने उलझे रहते  हैं कि यह भूल जाते हैं कि अगला क्षण भी हमारा नहीं हो सकता, जो होगा वो हमें ज्ञात नहीं होगा, और आवश्यक नहीं जो हमने सोचा  वो होने की स्थिति भी बने।


 हम जिनसे प्रेम करते हैं, जिनकी उपस्थिति हमारे जीवन को अर्थ देती है, वे भी एक झटके में हमसे छिन सकते हैं। जिन चेहरों को आज हम अपने सामने देख रहे हैं, हो सकता है वे तस्वीरों में बदल जाते हैं।  जब वे नहीं रहते, तब आँखें तड़पती हैं, दिल पछताता है और समय की अटल गति हमें हमारी असहायता का बोध कराती है।जीवन में बस एक काश शेष रह जाता है। हम छटपटाते है उन क्षणों को याद करके जब हमारे किसी अपने ने हमसे समय चाहा था, जब वो हमारे साथ और पास होना चाहते थे। पर अफसोस समय बीत जाता और जो गया वो वापस नहीं मिल पाता। 


इसलिए आज और इसी क्षण को जी लो, जी भर कर जी लो। किसी के साथ समय बिताना एक अवसर है, न कि एक अधिकार। जो प्रिय हैं, उनके साथ हँसो, रोओ, बाँटो, क्योंकि हो सकता है कि कल की सुबह तुम्हारे या उनके लिए न आए। आगे तो बस एक खालीपन और पछतावा ........इसलिए जीवन के हर क्षण को पूर्णता के साथ जियो। अपनों के साथ समय बिताने में हिचको नहीं। नफरत ,वैमनस्य को भूल कर उनके साथ रहो,  क्योंकि जब वह समय निकल जाता है, तब सिर्फ़ और सिर्फ जीवन में उनके स्थान पर निर्वात बचता। 


जीवन सच में क्षणभंगुर है। पलकों के झपकने की गति से भी पहले हम उसे खो सकते ,जो हमारा है।इसलिए....... आज जब नींद से उठें और अपनों को आप सुरक्षित पाएं तो ईश्वर को धन्यवाद दीजिए ,इन अनमोल सांसों के लिए ।इसलिए...... माफ कर दीजिए हर उस व्यक्ति को जो कभी भी आपके लिए महत्वपूर्ण रहा हो,ताकि आपके मन पर कोई बोझ ना बचे। इसलिए ..... मन में बात मत रखिए ,बोल दीजिए किसी अपने को ,ताकि मलाल ना रह जाए। इसलिए ...... माफ़ी मांग लीजिए खुद की गलतियों के लिए ,ताकि कोई शर्मिंदगी ना बच जाए। और इसी लिए .......आज इस पल जो हमारे हैं ,उनके साथ हर उस पल को जी लीजिए जो आपकी सोच या आपके अपनों की अपेक्षा.... क्या पता कल ये पल ही ना रह जाए। 


#ब्रह्मनाद

#डॉ_मधूलिका






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