पेज

मंगलवार, 12 दिसंबर 2023

मां की पाती : तुम्हारे जन्मदिन पर 12/12/23

 






प्रिय अन्वेषा / अनवू/ लड्डू/ बोबू/ पिकासोलाल / पुपुलाल, टीपाटी जी एंड so on........ , 


दुनिया के लिए 11 साल ,मेरे लिए 11 साल 9 महीने .... हां आज तुम्हारे अस्तित्व को आए इतना ही समय हो गया। तुम जीवन के एक और नए साल में प्रवेश ले रही हो।

बहुत मिली जुली सी भावनाएं आ रही हैं इस दिन को लेकर। यादें ताजा हो रही उस रात की जब दूसरे दिन तुम्हारे आने की तैयारी पूरी कर स्वागत करने हॉस्पिटल जाना था। वो डर,वो खुशी,वो आशाएं  .. सच कहूं तो आज भी वैसा ही है।

बस ये अब पता है की मेरी संतान लड़की है । जो आज से 11 साल पहले तुम्हारे आने के वक्त में मुझे नहीं पता था।

तुम्हारी पहली बार रोने की आवाज ,दुनिया का सबसे मधुर संगीत से भी मधुरतम था ,हालांकि उस वक्त के बाद कोशिश यही रही की कभी तुम्हें रोने ना दूं या हर वो कारण खत्म कर दूं जो तुम्हें रुला सकता।

कहते हैं औरत जब मां बनती उसका दोबारा जन्म होता... सच में ,एक बार मुझे तुम्हारी नानी ने जन्म दिया ,दोबारा मैं तुम्हारे साथ जन्मी।

आज मैं जो कुछ हूं ,तुम्हारे कारण हूं। तुमने मुझे असंभव को भी संभव करने की जिद सिखाई, तुमने मुझे इतना मजबूत बनाया कि मुझे किसी के सहारे के बिना कुछ करने की हिम्मत मिली । तुमने मुझे सिखाया की संभावनाओं को पार करके ही सफलता मिलती है ,ना की असफलता को आशंका से रुके रहने की। तुमने मेरे कमजोर पलों में मुझे मां की तरह प्यार किया, मुझे सम्हाला। मेरे गुस्से को झेलकर भी तुम मेरे लिए हमेशा उदार स्नेह दिखाती और जताती रही।तुम जैसी निश्छल आत्मा इस संसार में बिरली ही हैं।जिसे छल और दिखावा नहीं आता ,आता है तो बस थोड़े से प्यार के बदले अगाध स्नेह देना। अगर मैं ये कहूं की मैं तुम्हारी नहीं बल्कि तुम मेरी प्रेरणा हो तो कतई अतिशयोक्ति ना होगी। तुमने मुझे मेरी वास्तविक "जिंदगी" दी है ।

मैं बिलकुल नहीं चाहती की तुम मेरे जैसी बनो,बल्कि मैं तो ये कहूंगी कि हर इंसान को  तुम्हारे  जैसा होने की कोशिश करना चाहिए। मुझे आज की "मैं" बनाने वाली तुम हो।वर्ना मैं एक बहुत आम सी मां बनती ,जिसकी आम सी अपेक्षाएं और बेहद आम सी संतुष्टि होती। तुमने मुझे एक पावन लक्ष्य की ओर भेजा ,जो तुम्हारे ना होने पर संभव ही नहीं था।मैं कितना कुछ बोलना चाहती ,तुम्हें बताना चाहती ,पर शब्द कम हो जा रहे या ये कहूं शब्द न्याय नहीं कर पाएंगे तुम्हारे वर्णन के लिए। आज ये लिखते , महसूसते  हुए पहला आंसू मेरी दाईं आंख से निकला ,क्योंकि मैं  बहुत खुश हूं ,पर दूसरा आंसू बाईं आंख से .... हां दुख का आंसू क्योंकि तुम्हारे जैसी बच्ची को मेरे जैसे मां मिली ,मैं तुम्हारे लायक नहीं हूं । सच कहूं तो ये संसार ही तुम्हारे लायक नहीं , कुछ अपवाद छोड़ दिए जाएं तो इस संसार को तुम और तुम जैसे अन्य लोगों के लायक बनने के लिए सतयुग में वापस जाना पड़ेगा। इस झूठ, लालच ,दिखावे ,अंधानुकरण की दुनिया को तुम्हारे लायक बनने में युग बीत जाएंगे। खैर मुझे कहीं ना कहीं इस बात की भी राहत है कि तुम्हारे दायरे के चंद लोग ऐसे भी हैं जो तुम्हें दिल से स्वीकार कर तुम्हें हमेशा आगे बढ़ाने में मदद भी करते हैं ,फिर वो तुम्हारी प्यारी सी सहेलियां या दोस्त हों,या तुम्हारी टीचर्स या थेरेपिस्ट या कुछ अन्य बच्चों की  माएं जो तुम्हारी उपलब्धि को अपने बच्चे की उपलब्धि सी मानकर खुश होती।

खैर मेरा ये सब कुछ कहना बेमानी लगेगा क्योंकि मैं तुम्हारी मां हूं। पर जो लोग तुमसे जुड़े हैं,जिन्हें तुम अपने दायरे में आने देती हो ,वो जानते हैं की तुम कितनी जुझारू, मासूम और प्रेरक बच्ची हो। आज के शुभ दिन मैं बस यही दुआ करूंगी की तुम इस जीवन में सबके लिए हमेशा प्रेरणा बनकर रहो, संघर्ष से सफलता के लिए लोगों की आशाओं को तुमसे मजबूती मिलती रहे, स्वस्थ रहो,खिलती रहो। दुनिया की हर  खुशी और सफलता की कामना है तुम्हारी मां की ओर से... दुनिया के अस्तित्व तक तुम्हारा नाम हो.


 जन्मदिन मुबारक हो मेरी नन्ही सी जान ,मेरी राजकुमारी 😘🎂❤️🤗


-तुम्हारी मां