मेरी प्यारी सी गुड़िया अन्वू,
कभी लगता हर दिन बहुत लम्बा अंतराल लेकर गुजरा और कभी लगता यह (12/12/12)कल की है बात है ,जब बेहद खूबसूरत सी एक नाजुक सी गुड़िया अपनी चिबुक पर हाथ टिकाए मेरे बगल में लेटी हुई थी।तुम्हारे आने से पहले एक लम्बा दौर जिया था मैंने इंतजार का ...अवसादों का .... आशाओं और निराशाओं के उतार चढ़ाव का....। अंततः तुमने आकर उस दौर को खतम किया।
मां बनना सुख और संघर्ष के सिक्के के दो पहलू हैं। एक ओर तुम मेरी ताकत हो...मेरी खुशी हो....तो दूसरी ओर मुझे कमजोरी और दुख भी तुमसे ही जुड़े हुए हैं। तुम्हारी हर असफलता या कमजोरी या व्यवहारगत परेशानी जहां मुझे निराशा के गहरे भंवर में धकेल देती है तो तुम्हारी मुस्कान ,शरारतें , छोटी से छोटी उपलब्धि और तुम्हारी खुद की समस्याओं से धीरे - धीरे लड़ना , उबरना ;खुशियों के सतरंगे इंद्रधनुष की दुनिया में पहुंचा देती हैं।
कई बार मुझे लगता ,मुझसे ज्यादा समझदार तुम हो,मुझसे कहीं ज्यादा उदार। तुम पर कई बार अपना गुस्सा उतार कर ,तुमसे कभी घृणा नहीं पाई मैंने। तुमने अपनी नन्हीं बाहें फैलाकर हमेशा मुझ पर स्नेह ही बरसाया। कई अवसरों पर मेरी ढाल बनाकर खड़ी भी हो जाती । उस वक्त लगता जैसे मैं नहीं ,तुम मेरी मां हो।
जब मेरी अपेक्षाऐं या आशाएं टूटती तो लंबे समय अवसाद से घिरी होती हूं। पर तुम गिर कर उठने और सम्हलकर फिर हंस कर जुट जाने में माहिर हो। वास्तव में तुम जैसी पावन और सच्ची आत्मा ही जीवन को सिर्फ उसी पल और आज में जीने की क्षमता रखती। कभी - कभी लगता तुम नहीं ,बल्कि ये संसार तुम जैसे सीरत के लोगों के लायक नहीं है। ये झूठ ,दिखावे,छल और मतलबपरस्त लोगों से भरा हुआ है...जहां तुम जैसे लोग अनफिट माने जाते। पर ईश्वर इस दुनिया में अब भी कुछ पवित्रता बचाए रखना चाहता ,इसलिए तुम और तुम जैसे लोग धरती पर भेजता। ये हमारी कमजोरी की हम जैसे लोग तुम जैसों के लायक ये दुनिया में बना पाते।
तुम्हारे आने के बाद ही कोशिश कर पा रही हूं हर दिन संघर्ष करके जीना। एक उद्देश्य के साथ आगे बढ़ना।
मेरी बच्ची मैं जानती हूं एक मां होने के नाते मैं तुम्हें कई बार बहुत कुछ करने से रोक देती हूं ,जो तुम चाहती हो। क्योंकि कहीं ना कहीं तुमको लेकर सुरक्षा की भावना हावी हो जाती है। पर यकीन मानो तुम्हारी मां कभी तुम्हारे रास्ते की बाधा नहीं बनेगी....मैं वो रोशनी बनकर हमेशा तुम्हारे साथ रहूंगी जो तुम्हें आगे तक का रास्ता साफ देखने में मदद करेगी।
तुम अपने पंख खोलो... उड़ो ... और अपने जीवन की परवाज को पूरा करो...मैं बेड़ी नहीं तुम्हारा आकाश बनूंगी,तुम्हारा हौसला रहूंगी। आज के इस विशेष दिन में तुमको अनन्त शुभकामना और स्नेह मेरी राजकुमारी। बस यही कामना रहेगी की अपने जीवन को स्वतंत्र रूप से और भरपूर जियो। इस तारीख को तुमसे एक विशेष पहचान मिले..... हैप्पी बर्थडे मेरी लड्डू।
#अन्वेषा_की_मम्मा
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