मयखारो.. क्या खौफ नही है? तुम लोगों को दोजख का ..
क्यूँ नापाक जाम पर लेते हो, तुम हरदम नाम खुदा का ,
वो मुस्कुराए और फरमाए ...
वो मुस्कुराए और फरमाए ...
मत हो बन्दे तू खुद से ..अनजान
खुद में ही कर ,उस पाकीजगी का एहतराम
जमीं ,जर्रा... और आसमान
बोलो जरा .. कहाँ नहीं है उसका मुकाम.
बोलो जरा .. कहाँ नहीं है उसका मुकाम.?????????
क्यूँ नापाक जाम पर लेते हो, तुम हरदम नाम खुदा का ,
वो मुस्कुराए और फरमाए ...
वो मुस्कुराए और फरमाए ...
मत हो बन्दे तू खुद से ..अनजान
खुद में ही कर ,उस पाकीजगी का एहतराम
जमीं ,जर्रा... और आसमान
बोलो जरा .. कहाँ नहीं है उसका मुकाम.
बोलो जरा .. कहाँ नहीं है उसका मुकाम.?????????
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