बंदगी
देखा है ख्वाब मगर ,हमने चर्चा ना किया.,
यादों को आपकी बेपर्दा ना किया ,
,
दिल में बसते हैं जो धड़कन की तरह,
सांसों की तरह खुद से जुदा ना किया ,
रूह में हरदम तेरा ही एहसास किया ,
लफ्जों में तुमको ,फ़ना ना किया,
बंदगी से तेरी ,अब तक ना उबर पाए हम ..
सालों से खुदा की शान में ,सदका ना किया .......
देखा है ख्वाब मगर ,हमने चर्चा ना किया.,
यादों को आपकी बेपर्दा ना किया ,
,
दिल में बसते हैं जो धड़कन की तरह,
सांसों की तरह खुद से जुदा ना किया ,
रूह में हरदम तेरा ही एहसास किया ,
लफ्जों में तुमको ,फ़ना ना किया,
बंदगी से तेरी ,अब तक ना उबर पाए हम ..
सालों से खुदा की शान में ,सदका ना किया .......
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