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शनिवार, 18 फ़रवरी 2017
अंदाज़
अधूरी ख्वाहिशों के सफ़र...
और धुंधले से कई ख्वाब।
जिंदगी मैंने देखे,
बस तेरे यही अंदाज़ ।।
शुभरात्रि
(डॉ. मधूलिका)
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