पेज

शुक्रवार, 13 मार्च 2015

भूटान यात्रा संस्मरण- पहाड़ों से पहला साक्षात्कार

यात्रा संस्मरण...हाँ यह हमारा पहला मौका  है जब ये लिखने जा रही हूँ...प्रेरणा कैसे मिली ,,तो इसका जवाब है ..पतिदेव से.. वो अपनी सभी यात्राओं के अनुभव एक ट्रेवल ब्लॉग -BCMTouring में लिखते हैं...उस यात्रा का हर लम्हा शब्दों और तस्वीरों के रूप में सहेज लिया जाता है जो कभी आपने जिया होता है...बस हमने भी शुरुआत करने का सोचा... अपने ब्लॉग में लिखने का एक मकसद यह भी था की यह नितांत मेरे अनुभवों पर आधारित है...ट्रेवल ब्लॉग के तकनीकी पक्षों से अलग .पतिदेव से मंशा जाहिर की तो उन्होंने कहा की बिलकुल लिखो..अपने नज़रिए और अपनी सहज भाषा में..तो आज शुरुआत कर ही दी :)
                                          मेरी शादी  तय होते ही भावी  पतिदेव के पर्यटन और ड्राइविंग  की रूचि के बारे  में पता चला..."लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड " में उनका नाम दर्ज होने की सूचना ने मुझे उत्साह और गौरव से भी भर दिया था...सोचा था की उनकी इन  रुचियों में यथासंभव सहयोग करूंगी.शादी के बाद लम्बी और छोटी दूरी की कई यात्राएं  (
पर्यटन ) भी की .पहले हम फक्कड़ घुम्मकड़ थे .दुसरे शब्दों में रैपिड फायर घुमाई :p , पर बिटिया के  जिंदगी में आने के बाद हमें इसमें अल्पविराम लगाना पड़ा ...फिर भी आगे बढ़ना ही था...
उसके साथ पहली लम्बी यात्रा इंदौर, अजमेर और पुष्कर की हुई.आनुवंशिकता ने असर दिखाया ,बिटिया यात्रा के दौरान बेहद सहज और उत्साहित होती थी...उसके साथ दूसरी पर्यटन यात्रा (लम्बी दूरी ) पिछले साल फरवरी 2012 में हुई ,शिर्डी - गोआ की हुई . इस यात्रा में हमें कुछ दैवीय विपदाओं का सामना करना पड़ा ,मुझे गोआ पहुँचते ही चिकेन पॉक्स, और पतिदेव को लिगामेंट रप्चर हुआ.जिसके दाग और दर्द आज भी हम दोनों के साथ बने हुए हैं. इसमें अच्छी बात यह रही की बिटिया पूर्णत : सुरक्षित और स्वस्थ रही.
पिछले वर्ष के कटु अनुभव ने  यात्राओं को जारी रखने की मेरी हिम्मत तोड़ दी .पतिदेव की कई बार की समझाइश और प्रोत्साहन के बाद आख़िरकार इस वर्ष की उनके ट्रेवल प्लान पर राजी हो सकी. पर अभी भी डर था की कहीं वो दुखद पीड़ा दायक अध्याय दोहराया ना जाए... :O
फिर भी पति का साथ देने का वचन जी लिया था... :p तो कमर कस लिए और तैय्यारियाँ शुरू किये. बिटिया का मेडिकल चेकअप ;क्योंकि निर्धारित तिथि के कुछ दिन पूर्व ही उसे ब्रोंकाइटिस हुआ :( , जरूरी दवाइयां, सफ़र के दौरान खाने -पीने का समान , गर्म कपड़े ....सब सहेजने में दो दिन लग गए .
मेरे मानसिक रोध की वजह से यात्रा की तिथि एक दिन आगे बढाई  गई..क्योंकि पिछले वर्ष 28 फरवरी को ही शुरुआत की थी;  और उस अनुभव का डर मेरे दिमाग में और छाप मेरे चेहरे पर है .
यहाँ पर बता देना चाहती हूँ की हमारे प्लान में नार्थ ईस्ट, गुजरात और भूटान के आप्शन थे ,पतिदेव के उत्साह को देखते हुए मैंने भूटान पर हामी भरी. ये सफ़र हमारे लिए पुराने अनुभवों से उबरने के लिए एक चुनौती की तरह था. एक खास बात और हमारी ज्यादातर पर्यटन यात्राएं फरवरी- मार्च में होती है . क्योंकि ज्यादातर विद्यार्थी वर्ग परीक्षा में व्यस्त होता है और ऑफिस में फ़ाइनेन्शिअल क्लोजिंग के कारण  भीड़ कम होती है.होटल भी  ऑफ सीजन के  चलते 
लगभग खाली ही होते हैं.और हाँ मौसम का मिजाज़ भी अच्छा रहता है.....ना बेहद गर्म ,ना बेहद ठंडा . :D ,तो हमारी प्राथमिकताओं में यही वक़्त होता है.
लीजिये हमारे सफर की  शुरुआत हुई 2 मार्च को .........( क्रमशः )   


सुयश त्रिपाठी जी का लिम्का बुक ऑफ़ रिकॉर्ड का सर्टिफिकेट
   

10 टिप्‍पणियां:

Sanjay Mishra Bhilai ने कहा…

अगले अंक का बेसब्री से इंतज़ार है

Unknown ने कहा…

Travelling teach us a lot. Nice blog mam. Aur ab to BCMTouring b pdhenge.,,kyuki apki tour pics awesome hoti hai. Ab un pictures ko camera k peeche se dekh paenge sir k blog me. Aage ki trip ke bare me janne ka intjaar 😊

Unknown ने कहा…

बेहतरीन यात्रा रिपोर्ताज अगले भाग के इंतज़ार के साथ जाइ जय मधु दी बेहतरीन

Dr.Ajit ने कहा…

बढ़िया आप लिखते रहिए हम पढ़तें रहेंगे !

Dr.Madhoolika Tripathi ने कहा…

जी बिलकुल..जल्द ही आगे बढेगा ये संस्मरण...

Dr.Madhoolika Tripathi ने कहा…

वाकई देश दुनिया की जानकारी भी मिलती है,,और ज्ञान भी बढ़ता है..पहले शायद इसीलिए कहा जाता था " घाट घाट का पानी पीना "
यथा संभव प्रयास होगा गतांक को आगे बढ़ाने
का

Dr.Madhoolika Tripathi ने कहा…

धन्यवाद भाई. बस प्रतिक्रियाओं का इंतज़ार था,

Dr.Madhoolika Tripathi ने कहा…

जी ,,,सुझाव भी जरूर दीजियेगा ,ताकि लेखन रोचक हो सके :)

Unknown ने कहा…

Limka book of records k baare me bataye....is tathya se ham anjaan hai....
Yatra sansmaran avashya likhna chahiye....(budhape me jab ghoom na sakenge tab ise hi padh kar romanchit hua jaa sakta hai :) )

Anil Sahu ने कहा…

अच्छा लेखन.