पेज

गुरुवार, 19 जुलाई 2012

ज़िन्दगी




हर रूप हर रंग में,
ढलती है जिंदगी .. ,


आंसुओं में धुंधली ,
हंसी में खुलकर बिखरती है जिंदगी ,..


कभी साज़, कभी आवाज़ .

सांसों का राग है जिंदगी ,..


कभी खिखिलाहट,कभी उदासी ,

ग़मों का आगाज़ , है जिंदगी,..


जिए जो हर पल, तो एहसास है जिंदगी ,

वर्ना ख़्वाबों सा अरमान है जिंदगी ...

(मधुलिका )

17 टिप्‍पणियां:

अनुराग त्रिवेदी ने कहा…

हल्के हल्के अल्फाज़ों से उतर कर , वज़नदार ख्याल आपने प्रस्तुत किया .. !!
बहुत ही भावना प्रधान लेखन ...!!

Dr.Madhoolika Tripathi ने कहा…

गूढता जब सरलता में प्रवाहित हो जाए तो वो सर्वमान्य-सर्वसुलभ हो जाती हैं...
हार्दिक आभार

ANULATA RAJ NAIR ने कहा…

बहुत सुन्दर रचना मधुलिका जी.....
मधु घोलती सी.....

अनु

Dr.Madhoolika Tripathi ने कहा…

मधुमिश्रित शुभकामनाओं हेतु आभारी हूँ

ब्लॉ.ललित शर्मा ने कहा…

हर रूप हर रंग में,
ढलती है जिंदगी .. ,
आंसुओं में धुंधली ,
हंसी में खुलकर बिखरती है जिंदगी

Nice

Dr.Madhoolika Tripathi ने कहा…

हृदयश : आभार

मेरा मन पंछी सा ने कहा…

बहुत सुन्दर है यह रचना..
प्यारी सी..
:-)

Dr.Madhoolika Tripathi ने कहा…

हृदयश: कोटिश आभार रचना जी

Yashwant R. B. Mathur ने कहा…

पिछली टिप्पणी मे तारीख की गलत सूचना देने के लिये खेद है
----------------------------
कल 16/09/2012 को आपकी यह बेहतरीन पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

बहुत खूब ...

मन्टू कुमार ने कहा…

जिंदगी के रूप को बयां करती हुई शानदार कविता...बहुत खूब |
सादर |

मेरा ब्लॉग आपके इंतजार में,समय मिलें तो बस एक झलक-"मन के कोने से..."
आभार...|

Anita Lalit (अनिता ललित ) ने कहा…

बहुत खूबसूरत !
~कभी सुक़ून-ओ-चैन के संग...
कभी विरोधाभास में... जीती है ये ज़िंदगी..~

Sanjay Mishra Bhilai ने कहा…

सही नजरिया ………… बेहतरीनं। ……

Dr.Madhoolika Tripathi ने कहा…

कोटिश : आभार गीत जी

Dr.Madhoolika Tripathi ने कहा…

एक प्रयास था ...ख़ुशी हुई आप लोगों की सराहना पाकर...धन्यवाद .

Dr.Madhoolika Tripathi ने कहा…

क्षमा की आपके शब्दों की ऊर्जा का प्रतिदान मिलने पर आभार ज्ञापन में विलम्ब हुआ..
कोटिश : साधुवाद :)

Dr.Madhoolika Tripathi ने कहा…

हार्दिक धन्यवाद :)